स्मार्ट स्कूल किस तरह घर में पढ़ाई को मज़ेदार बना रहे हैं?
कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल बंद हैं। लेकिन, अपने स्टूडेंट्स की पढ़ाई जारी रखने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिशें कर रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों को यह नहीं भूलना चाहिए कि इन परिस्थितियों में उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।
पिछले साल तक बच्चों की ‘मौज मस्ती’ कोई बड़ी बात नहीं होती थी, लेकिन जब से दुनिया पर महामारी का साया छाया है, तब से बच्चों का बाहर जाकर खेलकूद और मौज मस्ती करना काफी कम हो गया है। सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के कारण बाहरी दुनिया से मिलने वाले अनुभव के अवसर भी कम हो गए। इन स्थितियों में अभिभावकों को एक गार्जियन और शिक्षक दोनों की भूमिका निभानी पड़ी। उन्हें बच्चों के नुकसान की भरपाई करने और घर में पढ़ाई को मज़ेदार बनाने के लिए उनके साथ घर के अंदर ही खेलने को मजबूर होना पड़ा।
घर में स्कूली पढ़ाई से विद्यार्थियों और अभिभावकों, दोनों को ही पढ़ने के नए और दिलचस्प तरीके अपनाने को मजबूर किया।
महामारी से ग्रस्त दुनिया में घर पर पढ़ाई ने बच्चों को अपनी एक्टिव लर्निंग और खुद पर नियंत्रण करने की क्षमता को और निखारने का मौका दिया है।
इसके अलावा घर पर पढ़ाई को मज़ेदार बनाने के लिए घर के सुरक्षित माहौल में ही कई तरीके अपनाए जा सकते हैं।
- घर पर मोटर स्किल्स सीखना
अभिभावक अपने बच्चों को मोटर स्किल्स पर आधारित गेम्स खेलने या एक्टिविटीज़ करने को कह सकते हैं। ऐसा घर में आसानी से उपलब्ध चीज़ों की सहायता से किया जा सकता है। साथ ही प्रॉप्स, स्टोरी टेलिंग, क्विज़ आदि की मदद से पढ़ने के बेहतर तरीके अपनाए जा सकते हैं।
- साथ मिलकर रूटीन बनाएं
बच्चे एक रूटीन में रहकर अच्छा प्रदर्शन करते हैं, इसीलिए इसका एक ढांचा होना ज़रूरी है। बच्चे की पढ़ाई, खेल, टीवी हर चीज़ के लिए समय तय किया जाना चाहिए। स्कूल की चार दीवारी की गैर-मौजूदगी में अभिभावकों को रोज़मर्रा के कामों को सीखने-सिखाने का मौका बनाना चाहिए।
- शिक्षकोंके संपर्क में रहें
बतौर अभिभावक, जब आप लगातार शिक्षकों के संपर्क में रहते हैं, तो बच्चे अपनी पढ़ाई को गंभीरता से लेते हैं। वे पढ़ाई को लेकर ज्यादा गंभीर होते हैं और ज्यादा मेहनत करते हैं। इसके अलावा भी शिक्षक के संपर्क में रहकर आप होम स्कूलिंग यानि घर में स्कूली शिक्षा के लिए एक-दूसरे की बेहतर ढंग से सहायता कर सकते हैं।
- पढ़ाई को बनाएं मज़ेदार
ऐसे कई तरीके हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को पढ़ा सकते हैं, उसे यह एहसास कराए बिना कि वह पढ़ रहा है। जैसे एक्सपेरिमेंट्स की मदद से आप उसे विज्ञान पढ़ा सकते हैं। इतिहास पढ़ाने के लिए फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री की मदद ले सकते हैं।
- कुछ अलग हटकर सोचें
आप अपने विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए बिल्कुल अलग तरीके अपना सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप उन्हें बेकिंग सिखा सकते हैं। इससे न सिर्फ उन्हें बेकिंग के बारे में पता चलेगा बल्कि उनमें गणित (वज़न करना) और विज्ञान (मिक्सिंग करना) की समझ भी विकसित होगी। अभिभावकों को अपने बच्चों को ऐसी व्यावहारिक बातें सिखानी चाहिए, जो वे स्कूल में नहीं सीख सकते।
महामारी की मौजूदा स्थितियों में विद्यार्थियों और शिक्षकों को रिमोट टीचिंग और डिस्टेंस लर्निंग का तरीका अपनाना पड़ा। डिस्टेंस लर्निंग से उनकी पढ़ाई तो जारी रही, लेकिन यह मज़ेदार नहीं रही।
यूनिसेफ (UNICEF) ने भी घर में स्कूली शिक्षा को मज़ेदार बनाने के लिए लचीले लेकिन नियमित तरीके अपनाने का सुझाव दिया है।
इस चुनौती को स्मार्ट स्कूल्स की मदद से दूर किया गया है। स्मार्ट स्कूल्स यानि ऐसे स्कूल जिनमें इंटीग्रेटेड लर्निंग प्लेटफॉर्म की सुविधा है। यह प्लेटफॉर्म न सिर्फ बच्चों के पाठ्यक्रम को आसान बनाता है, बल्कि अपने आधुनिक फीचर्स से अभिभावकों की भी मदद करता है। यूज़र-फ्रेंडली टूल्स स्कूलों/टीचरों को तेज़ी से कनेक्ट करते हैं। इसकी मदद से अभिभावक, बच्चे का क्लास वर्क, क्लासरूम पिक्चर्स और अन्य चीज़ों को आसानी से देख सकते हैं।
चूंकि ज्यादातर अभिभावक व्यस्त रहते हैं, ऐसे में वे एक ऐसा प्लेटफॉर्म चाहते हैं जो नैविगेशन में ज्यादा समय न ले। ऐसे में इंटीग्रेटेड लर्निंग प्लेटफॉर्म्स के सिंगल इंटरफेस सॉफ्टवेयर से अच्छा कुछ नहीं, जहां सब कुछ बस एक क्लिक पर उपलब्ध होता है।
स्मार्ट स्कूलों ने घर पर पढ़ाई को भी मज़ेदार बनाया है। स्मार्ट स्कूल्स LMS की मदद से बच्चों को ऐसी क्विज़ और गेम्स उपलब्ध कराते हैं, जो बिना किसी बोरियत या तनाव के बच्चों के असाइनमेंट तैयार करने में उनकी मदद करते है। एंगेजिग और मज़ेदार गतिविधियां स्मार्ट स्कूल्स का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं।
LMS इनेबल्ड स्मार्ट स्कूल्स बच्चों को खुद से पढ़ाई करने में भी मददगार होते हैं। इसकी मदद से बच्चे अपनी पढ़ाई को बेहतर ढंग से नियंत्रित कर सकते हैं। बच्चे हर चीज़ के लिए शिक्षक पर निर्भर नहीं रहते। बल्कि सप्लिमेंट्री ऐक्टिविटीज़, डॉक्यूमेंट्स, वेबसाइट के लिंक्स जैसी कई चीज़ें जो शिक्षक अपलोड करते हैं, उसकी मदद से बच्चे पढ़ते हैं। स्मार्ट स्कूल्स, दूसरे बच्चों के साथ जुड़ने और टीम में काम करने का मौका भी देते हैं, जिससे पढ़ाई ज्यादा क्रियात्मक बनती है।
भारत भर में अब स्कूल्स इंटीग्रेटेड सिस्टम लर्निंग की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। अगर आप बतौर अभिभावक अपने बच्चे के लिए गारंटीड रिज़ल्ट के साथ मज़ेदार पढ़ाई, बच्चे की बेहतर समझ के लिए एक समावेशी पाठ्यक्रम, और बच्चे की परफॉर्मेंस को ट्रैक करने के लिए इन-टाइम परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग चाहते हैं तो आपको ‘स्मार्ट स्कूल’ का चुनाव करना चाहिए।
किस तरह से LEAD School केवल ‘स्मार्ट’ नहीं ‘बेस्ट’ है?
LEAD School, एक ऐसा इंटीग्रेटेड सिस्टम है जो शिक्षा अनुभव में बड़े बदलाव करके उसे ज्यादा इंटरैक्टिव और मज़ेदार बनाता है। LEAD School भारत का इकलौता ऐसा स्कूल है, जो इंटीग्रेटेड, डेटा आधारित सिस्टम के ज़रिए अंग्रेजी, गणित और विज्ञान में बेहतरीन नतीजे देता है।
LEAD School में विश्व स्तरीय शिक्षक, एक ऐसे ऐप की मदद से लेसन पढ़ाते हैं, जिसमें विस्तृत लेसन प्लान और ऑडियो-विज़ुअल सामग्री होती है। ऐसे में पढ़ाई में बोरियत आने का कोई सवाल ही नहीं!
LEAD School की पढ़ाई ऐसी है, जिससे गणित और विज्ञान के कंसेप्ट्स बिल्कुल स्पष्ट हो जाते हैं। यहां गणित के लिए ‘कॉन्क्रीट-पिक्टोरियल-ऐब्स्ट्रैक्ट’ अप्रोच और विज्ञान के लिए ‘लर्निंग बाय डूइंग’ अप्रोच अपनाया जाता है।
LEAD School– शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूल के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करता है, ताकि बच्चे की बेहतरीन पढ़ाई के साझा लक्ष्य को पूरा किया जा सके। अभिभावक वीडियो कॉन्टेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं, होम प्रैक्टिस के लिए प्लान बना सकते हैं और क्लासवर्क की पिक्चर्स को मॉनिटर कर सकते हैं। इससे पढ़ाई में निरंतरता बनाने में मदद मिलती है।
अभिभावक अगर हर विषय में अपने बच्चे की प्रगति से अवगत रहेंगे, तो वे एक शिक्षक की भूमिका बेहतर ढंग से निभा सकते हैं। वे आसानी से ये जान सकते हैं कि उनका बच्चा किस विषय में कमज़ोर है और उसके मुताबिक वे अपनी कार्य योजना तैयार कर सकते हैं।
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