ओरिएंटेशन सेशन्स से अभिभावकों को ऑनलाइन क्लासेस समझने में मदद मिली’
अगर कहा जाए कि साल 2020 में जो कुछ भी हुआ उसका किसी को अंदाज़ा नहीं था, तो यह स्थितियों की गंभीरता को बयान करने के लिए पर्याप्त नहीं। इस दौरान मानवता ने जिन अभूतपूर्व घटनाओं का सामना किया है, उनके बारे में तो कोई ज्योतिषी भी नहीं बता सकता था। 2020 की घटनाओं के बारे में विचार करते हुए एक महत्वपूर्ण बात जो हमने सीखी, वो यह कि हमें टेक्नोलॉजी के साथ चलना होगा। हमने देखा कि किस तरह से पढ़ाई ऑनलाइन होने पर शिक्षा क्षेत्र इसके लिए तैयार नहीं था। लेकिन अच्छी बात यह रही कि LEAD के स्कूलों में ऐसी कोई समस्या नहीं हुई।
आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस LEAD के अपने और सहयोगी स्कूलों ने अनिश्चित स्थितियों में काफी अच्छा काम किया। LEAD के अपने स्कूल्स के वाइस प्रेसिडेंट नितिन जिंदल के साथ खास इंटरव्यू में हम जानेंगे कि LEAD के एक्सपर्ट्स ने कितनी अच्छी तरह से इस संकट का सामना किया।
- आप LEAD के साथ कितने समय से जुड़े हैं और LEAD के अपने स्कूलों में आपकी क्या भूमिका रही है? LEAD के ‘अपने स्कूलों’ (Own Schools) का क्या मतलब है और ये स्कूल दूसरों से कैसे अलग हैं?
मैंने दो साल पहले LEAD के अपने स्कूलों के लिए वाइस प्रेसिडेंट का पद संभाला था। फिलहाल सोलापुर ज़िले के तालुका क्षेत्रों में हमारे 4 अपने स्कूल हैं। इनमें रायगढ़ जिले के मनगांव का स्कूल भी शामिल है। इन स्कूलों की फीस काफी किफायती है, जो 15 हज़ार से 35 हज़ार के बीच है। शुरुआत में इन स्कूलों को भी वही परेशानी झेलनी पड़ी, जिसका टियर 3 और टीयर 4 कस्बों के स्कूलों को सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए शिक्षकों के पास अनुभव की कमी, अभिभावकों के पास स्कूल फीस के लिए पैसों की कमी और बच्चों की भाषा कमज़ोर थी। इस समस्या से निपटने के लिए हमने सबसे पहले LEAD की सेवाएं अपने स्कूलों में शुरू की और फिर इसे सहयोगी स्कूलों तक पहुंचाया।
हमारे अपने कितने स्कूल हैं औरयहांकितने शिक्षक और छात्र हैं?
हमारे अपने 4 स्कूल हैं और यहां 1500 छात्र एवं 96 शिक्षक हैं। ये स्कूल मनगांव, करमला, कुर्दुवाड़ी और अक्कलकोट में स्थित हैं।
- यह अभिभावक, ऑनलाइन शिक्षाके लिए कैसे तैयार हुए?
शुरुआत में हमारे स्कूलों के अभिभावक भी ऑनलाइन क्लास को लेकर आशंकित और चिंतित थे। लेकिन हमने उनके लिए ओरिएंटेशन सेशन्स किए, जिसके बाद उन्हें हमारी तकनीक को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिली और उनकी चिंता कम हुई।
- LEADके अपने स्कूल लॉकडाउन के बावजूद कैसे काम करते रहे?हमारे शिक्षकों, अभिभावकों और LEAD की टीमों ने दूसरों से क्या अलग किया?
लॉकडाउन के दौरान आने वाली अड़चनों से निपटने के लिए हमने यह तीन तरीके अपनाये:
अधिक से अधिक संपर्क एवं बातचीत:
हमने अभिभावकों के साथ अपने संवाद के सभी रास्ते खुले रखे। इससे हमें बच्चों की पढ़ाई को लेकर उनकी घबराहट कम करने में मदद मिली। लॉकडाउन के दौरान, हमने ऑनलाइन मीडिया के ज़रिए अभिभावकों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम किया। जिसमें उनसे इस विषय पर बात की गई कि किस तरह से, कम से कम नुकसान के साथ बच्चों की पढ़ाई को जारी रखा जा सकता है।
विद्यार्थियों को जोड़े रखना:
हमने इस दौरान सभी शिक्षकों को बरकरार रखा। हमारे शिक्षकों ने सभी बच्चों की अटेंडेस पर नज़र बनाए रखी। अगर कोई बच्चा कभी ऑनलाइन क्लास में नहीं आया, तो इसके बारे में उसके माता-पिता को सूचित किया। साथ ही स्कूल स्तर पर अटेंडेंस में सुधार के लिए साप्ताहिक टार्गेट्स भी रखे गए। कोऑर्डिनेटर्स और प्रिंसिपल की मदद से अभिभावकों की काउंसलिंग भी की गई।
इस दौरान जिन बच्चों की अटेंडेंस अच्छी रही, उनकी व्हाट्सऐप ग्रुप पर सराहना भी की गई ताकि वे अच्छा महसूस करें। एक्टिविटीज़ में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बच्चों की जानकारी स्कूल के व्हाट्सऐप ग्रुप और फेसबुक पर फोटोज़ और वीडियोज़ के रूप में शेयर की गई, ताकि दूसरे बच्चों को भी प्रेरणा मिल सके।
शिक्षा सुनिश्चित करना:
कंसेप्ट्स की बेहतर समझ विकसित करने के लिए शिक्षकों ने नियमित रूप से डाउट सॉल्विंग सेशन्स किए। इसके बावजूद जिन बच्चों को परेशानी महसूस हुई, उनके लिए सुपरवाइज़र्स ने रेमेडियल सेशन्स भी किए, ताकि लर्निंग गैप को भरा जा सके। इसी तरह बच्चों के लिए स्टूडेंट लेड कॉन्फ्रेंस (SLC) आयोजित की गई, ताकि उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक बड़ा मंच मिले और उनका हौसला बढ़े।
- हाइब्रिड स्कूल लर्निंग के बारे में आपकी क्या राय है?क्या यह स्कूलिंग का भविष्य है?
ऑनलाइन-ऑफलाइन लर्निंग का दौर अभी लंबा चलेगा। कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से स्कूल सामान्य रूप से नहीं चल पा रहे। जब स्कूल छोटी अवधि के लिए खुलेंगे, तो ऐसे में ऑनलाइन-ऑफलाइन मॉडल पर काम करना ही सही रहेगा।
- आपके स्कूल के प्रदर्शन पर अभिभावकों का क्या मत है?क्या वे ऑनलाइन पढ़ाई से खुश हैं?
बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर हमने यह सुनिश्चित किया कि वे अपने टेस्ट घर पर रह कर ही दें। इससे अभिभावकों को कोई असुविधा नहीं हुई। लगातार डाउट सॉल्विंग सेशन्स और रेमेडियल्स से वे संतुष्ट हैं और वे LEAD के काम करने के तरीकों से खुश भी हैं।
- कोविड-19 के दौरान फीस कलेक्शन एक बड़ी चुनौती रहा। आपका स्कूल 70%से ज्याद फीस जमा करने में किस तरह सफल रहा?
अभिभावकों से फीस की बात करने से पहले हमने बच्चों को जोड़े रखने और उनकी पढ़ाई पर ध्यान दिया। हमने अपने फीस ढांचे में बदलाव करते हुए अभिभावकों को हर महीने फीस देने की सुविधा दी। जो अभिभावक पूरी फीस देना चाहते थे, उन्हें हमने नवंबर तक OTP (वन टाइम पेमेंट) पर फीस में छूट दी। ऑनलाइन फीस जमा करने की सुविधा से भी उन्हें काफी मदद मिली।
वहीं दूसरी ओर कॉम्पेन्सेशन्स को लेकर अभिभावकों की चिंता को दूर करने के लिए टाउनहॉल मीटिंग्स की गईं, ताकि उन्हें यह बताया जा सके कि LEAD संचालित स्कूलों में किस तरह से पढ़ाई जारी रहेगी। साथ ही हमने फीस जमा करने के लिए अभिभावकों द्वारा बताई गई तारीख पर उनसे काफी संपर्क भी किया।
- आगे की योजना क्या है?क्या यह अनुभव सभी LEAD संचालित स्कूलों पर लागू किया जा सकता है?
हां, अपने स्कूलों से सबक लेकर हमने यह व्यवस्था अब सभी पार्टनर स्कूलों में भी लागू करनी शुरू कर दी है। 1 अप्रैल 2021 में जब स्कूलों का नया सत्र शुरू होगा, तब से हम ऑनलाइन-ऑफलाइन लर्निंग व्यवस्था लागू करने की योजना बना रहे हैं।
LEAD का उद्देश्य इस संकट के समय में भी छात्रों को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। LEAD संचालित स्कूल में अपने बच्चे का नामांकन कराने के लिएः प्रवेश फॉर्म अभी भरें